अब ब्याज पर ब्याज देना नहीं पड़ेगा आया नया फैंसला

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इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के अनुसार सरकार ने जनता को बड़ी राहत देते हुए 5 से 5.5 हजार करोड़ का खर्चा स्वंय उठाते हुए जनता को इसका सीधा फायदा आम जनता को दे दिया है .

Times of india में भी इस खबर को प्रमुखता के साथ जगह मिली और मार्च और अगस्त तक मोरेटोरियम में अप्लाई करने वालो पर बेंक के ब्याज पर ब्याज वसूलने पर दायर की गई याचिका के जवाब में केंद्र सरकार द्वारा आम जनता को बड़ी राहत दिए जाने की खबरे आ रही है.

जो खबरे आ रही है उसके अनुसार यदि आपके पास क्रेडिट कार्ड था और आपने यदि एक लाख रुपये के बिल पर मोरेटोरियम के लिए अप्लाई किया था तो इस खबर के हिसाब से आपको पर्याप्त मात्रा में लाभ मिल सकता है. क्यों कि ऐसी परिस्थिति में बैंक आपसे 19.5 से लेकर 42.4% तक का ब्याज वसूलती है.

यहाँ निजी बेंक के नियमानुसार आपको इस नयी व्यवस्था में भी साधारण ब्याज तो चुकाना ही पड़ेगा. आपको केवल ब्याज पर जो ब्याज लिया जा रहा था उस से माफ़ी मिल सकती है. वही सरकार उन उधार लेने वालो को भी मुआवजा दे सकती है जिन्होंने moratorium के लिए अप्लाई नहीं किया था.

इसे समझने के लिए आप फर्ज करे कि यदि अपने एक लाख तक का लोन या क्रेडिट कार्ड की शोपिंग की हुई है और 6 महीनो के लिए बेंक आपसे ब्याज के ऊपर ब्याज वसूलने के बाद 19,336 रुपये जोड़ रही थी वो अब आपसे 1396/- रुपये कम वसूल करेगी.

हालाँकि अभी सरकार को इसके लिए अतिरिक्त हलफनामा (एडिशनल अफिडेविट) फाइल करेगी जिसके बाद यह सुनवाई वापस 13 अक्टूबर को होगी. फिलहाल कौर्ट ने भी कहा है कि केंद्र सरकार के साथ ही आरबीआई भी को कुछ आदेश या घोषणा करके लोगो में यह सन्देश सरल भाषा में देना चाहिए ताकि लोगों को पता चले कि क्या लाभ मिलने वाला है.

हालाँकि जिन्होंने यह याचिका दायर की है वो कह रहे है सरकार के हलफनामे में काफी बाते अस्पष्ट हैं. और कइ मुद्दों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है ऐसे में आम जनता पीस रही है. कोरोना काल में जहा एक तरफ लोगो को आमदनी के साधन उपलब्ध नहीं है, रोजगार के अवसर घट चुके हैं ऐसे में इतना ब्याज एक आम आदमी पर बहुत भारी पड़ेगा.

यहाँ केंद्र सरकार ने अपनी इस योजना का लाभ देने वालो की सूचि में रियल स्टेट सेक्टर को शामिल नहीं किये जाने पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं. यहाँ गौर तलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितम्बर को अपने फैंसले में बेंको से कहा था कि अभी किसी भी खाते को पेमेंट नहीं करने की स्थिति में NPA घोषित नहीं करे.

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